Sunday, September 3, 2017

इन्द्र

ऋगवेद से -1 हे इन्द्र! तुम हमारी रक्षा करोगे तो हम प्रबल सेना से सम्पन्न शत्रुओं को भी पराजित कर देंगे। जो वीर युद्ध में मारे जाते हैं,इन्द्र उन्हें स्वर्ग प्रदान करते हैं। युद्ध स्वर्गप्राप्ति का निष्कपट मार्ग है। हे इन्द्र!आयुधधारी शत्रुसेनाओं की शक्ति नष्ट कर तुम उन्हें श्मशान में फेंक दो। हे इन्द्र! तुमने एक सौ पचास शत्रुसेनाओं का विध्वंस किया,यह तुम्हारे लिए बहुत साधारण कार्य है।तुम क्रूरतापूर्वक शत्रुओं का विनाश करते हो, किंतु अपने यजमानों के रक्षक हो। हे इन्द्र! हमारे शत्रु सदा असावधान रहें और हमारे मित्र सावधान रहें।हमारे प्रतिकूल चलती वायु वन से बाहर चली जाए। जो हमारे विनाश की इच्छा रखे, तुम उसका सर्वनाश कर दो। हे इन्द्र! यदि पृथ्वी अपने वर्तमान आकार से  सौ गुना भी बड़ी होती और उस पर निवास करनेवाले मनुष्य अमर होते, तब भी तुम अपने सामर्थ्य और अपनी शक्ति के लिए उतने ही प्रतिष्ठित होते। हे इन्द्र! हम विजयी हों, विद्वान, बुद्धिमान और धन से सम्पन्न हों।

No comments:

Post a Comment