36. Kautilya’s ‘ARTHASHAASTRA
MadanMohan Tarun
Only size does not matter
एरण्डमवलम्ब्य कुंजरम न कोपयेत।
अतिप्रवृद्धा शाल्मली वारणस्तम्भो न भवति। अतिदीर्घोपि करर्णिकारो न मुसली।
अतिदीप्तोपि खद्योतो न पावकः।
एरण्ड वृक्ष के भरोसे हाथी को क्रुद्ध न
करे। शाल्मली वृक्ष चाहे कितना भी मोटा हो ,उसमें हाथी नहीं बाँधा जासकता। जुगनू चाहे कितना भी दीप्तिमान हो,वह आग नहीं हो सकता। कर्णिकार का पौधा चाहे जितना भी मोटा हो, उससे मूसल नहीं बन सकता।
Only depending upon the strength of a week tree
like castor-oil (Eranda) , never try to anger an elephant. Let a cotton-tree be of any big size, an
elephant cannot be tied with it. Even if a Oleander ( karnikaar) tree is fat , one cannot make pestle out of
it. Be a firefly extremely bright, it can never be fire.
(From ‘Kautilya’s ‘ARTHASHAASTRA’ by MadanMohan
Tarun)
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