31 KAUTILYA’S ‘ARTHASHAASTRA’
MadanMohan Tarun
Delayed action
सर्वमात्यधिकं कार्य
श्रुणुयान्नातिपातयेत। कृच्छसाध्यमतिक्रान्तमसाध्य वा विजायते।
कार्य छोटा हो या बडा॰ , राजा को वही सुनना चाहिए जो आवश्यक हो तकि उसका समय नष्ट न हो। यदि ावश्यक
कार्य का समय निकल जाए तो फिर कई बार उसे सम्पन्न करना बहुत ही कष्टसाध्य हो जाता
है तथा कई बार असम्भव।
A task may
be big or small a king should give priority to those which are essential so
that he does not waste his time unnecessarily. If implementation time of an
important task is delayed ,it becomes troubling or impossible to be achieved at
times.
(From ‘Kautilya’s ‘ARTHASHAASTRA’ by MadanMohan
Tarun)
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