Sunday, January 6, 2013


12 KAUTILYA’S   ‘ARTHASHAASTRA’

MadanMohan Tarun

How to keep safe

अन्र्तर्गृहगतः स्थविररस्त्रोपरिशुद्धां देवी पश्येत। नकांचिदभिगच्छेत।देवगृहे लीनो हि भ्राताभद्रसेनं जघान। मातुः शय्यान्तर्गतः पुत्रः कारुषम्।लाजान्मधुनेति विषेण पर्यस्य देवी काशिराजम्। विषदग्धेन नूपुरेण वैरन्त्यम मेखलामणिना सौवीरं जालूखमादर्शेन वेण्या गूढं शस्त्रं कृत्वा देवी विदूरथ जघान। तस्मादेतान्यास्पदानि परिहरेत।

राजा को अकेले महारानी के भवन में नहीं जाना चाहिए। वह साथ में कोई वृद्दा ,विश्वस्त परिचारिका अवश्य लेले। क्योंकि इतिहास बताता है कि कई राजे महारानी के कक्ष में छुपे पुरुषों द्वारा मार डाले गये।) महारानी के कक्ष मे छिपे राजा भदद्रसेन के भाई ने उसकी हत्या कर दी। राजा कारुश को उसी के पुत्र ने मार डाला जो अपनी माँ की शैय्या के नीचे छुपा था। काशिराज की महारानी ने उन्हें धान की खील में विष-मिश्रित माधु खिलाकर मार डाला। वैरन्त्य विष-बुझे नूपुर से मारे गये, सौवीर मेखला - मणि से , जालूख विषैले दर्पण से, विदूरथ पत्नी के बालों में छुपे अस्त्र से मारे गये। इसलिए राजा को रानी के भवन में अकेले कभी जाना नहीं चाहिए।

King should never go alone in his queen’s palace. He should take some reliable old maidservant with him. because (there are instances under which kings were killed in the past by hiding man in queen’s room.) Bhdrasen killed his king- brother, hiding in queen’s room; king Karush was killed by his own son who was hiding under the bed of his mother;  Mahaaraanee of Kaashiraaj killed him by placing poison in honey, mixed with rice- grain. Like this Vairantya was killed by queen’s poisoned nupur; Jaalukh was killed by poisoned mirror; Vidurath was killed by his own queen with hidden weapon under her hairs. So, a king should never go  even to his own queens alone.

(From ‘Kautilya’s ‘ARTHASHAASTRA’ by MadanMohan Tarun)

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