Sunday, September 3, 2017
सूर्य
ऋगवेद से 23
सूर्य
सूर्यदेव अपने सात अश्वों वाले रथ पर आकाश की परिक्रमा कर रहे हैं।
वे जहाँ जाते हैं वही स्थान अदेव- मुक्त हो जाता है।
हे सूर्यदेव! हम सतत स्वास्थ्य - सम्पन्न रहते हुए प्रतिदिन आपका दर्शन करें।
हे सूर्यदेव! हमारी दृष्टि कभी मंद न हो।
हे सूर्यदेव! हम आपको प्रतिदिन , अपनी स्वच्छ आँखों से सागर के ऊपर उदित होते देखें।
हे ओषधियों के प्राण, सूर्यदेव! आप रात्रि का अंधकार दूर करते हुए , जैसे ही अपना प्रकाशध्वज फहराएँ, हम नीरोग एवं स्वस्थ शरीर से आपका दर्शन करें।
हे सूर्यदेव! हमारे शरीर का क्षय न हो।
हम सदा स्वावलम्बी रहें।
हम कभी दीन- हीन न हों।
हे सूर्यदेव! हम मन- वाणी सबसे आपकी किरणों के समान दिव्य और धवल रहें।
मदनमोहन तरुण
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